रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए अमेरिका लगातार प्रयास कर रहा है। इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि रूस ने यूक्रेन में चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए काफी बड़ी रियायत दी है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस चाहता तो यूक्रेन पर पूरा कब्जा कर सकता था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
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ट्रंप ने रूस से किया हमले रोकने का आह्वान
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने गुरुवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन पर हमले रोकने का आह्वान किया। कारण है कि ट्रंप यूक्रेन की राजधानी कीव पर शांति समझौते के बीच हुए घातक हमले को लेकर खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मुझे कीव पर रूसी हमलों से बिल्कुल भी खुशी नहीं है। ये हमले जरूरी नहीं थे और बहुत ही गलत समय पर हुए।
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ट्रंप ने कहा कि व्लादिमीर, रुकें! हर हफ्ते 5000 सैनिक मारे जा रहे हैं। चलिए अब शांति समझौता करते हैं। बता दें कि रूस ने कीव पर मिसाइल और ड्रोन से करीब एक घंटे तक हमला किया, जिसमें कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और 90 घायल हुए। यह पिछले जुलाई के बाद का सबसे बड़ा हमला था।
ट्रंप ने युद्ध खत्म होने की बात पर दिया जोर
ट्रंप लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि युद्ध अब खत्म होना चाहिए। उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की पर यह आरोप लगाया कि वह क्रीमिया को रूस को सौंपने से इनकार कर शांति समझौते में बाधा डाल रहे हैं। क्रीमिया पर रूस ने 2014 में अवैध कब्जा किया था। ट्रंप का मानना है कि रूस अब और युद्ध नहीं चाहता, जबकि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को शांति की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए।
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ट्रंप के बयान पर यूक्रेन और यूरोप का रुख
इसके साथ ही ट्रंप ने यह भी कहा कि पुतिन अगर यूक्रेन के बाकी हिस्सों को कब्जे में लेना बंद कर दें, तो यह बहुत बड़ी रियायत होगी। हालांकि यूरोप और यूक्रेन के नेताओं ने ट्रंप के इस बयान को गलत ठहराया है। उनका कहना है कि रूस अगर हमला रोकता है तो वह कोई रियायत नहीं, बल्कि बुनियादी जरूरत है। गौरतलब है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की पहले भी कह चुके हैं कि वे रूस को कब्जे में लिए गए क्षेत्र नहीं सौंपेंगे और यह उनके लिए एक लाल रेखा है।