मुंबई हमले का आरोपी तहव्वुर राणा अपना भारत प्रत्यर्पण रोकने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहा है। अब उसने प्रत्यर्पण रोकने के लिए आखिरी चाल चली है और अमेरिका के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स से अपील की है। गौरतलब है कि तहव्वुर राणा ने इससे पहले अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एलेना कागन के सामने भी अपील की थी, लेकिन जस्टिस एलेना ने तहव्वुर राणा की याचिका को खारिज कर दिया था।
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4 अप्रैल को हो सकती है सुनवाई
अमेरिका के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स आगामी 4 अप्रैल को तहव्वुर राणा की अपील पर सुनवाई कर सकते हैं। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर यह जानकारी दी गई है। अपनी अपील में तहव्वुर राणा ने उसका भारत प्रत्यर्पण रोकने की अपील की है। दरअसल तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पण का डर सता रहा है। तभी जब उसने जस्टिस एलेना से अपील की थी तो उसमें कहा था कि उसे भारत में प्रताड़ित किया जा सकता है और इसके चलते वह ज्यादा लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाएगा।
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तहव्वुर राणा को सता रहा डर
तहव्वुर राणा ने कहा कि वह एक मुस्लिम है और पाकिस्तानी मूल का है। साथ ही वह पूर्व में पाकिस्तानी सेना में भी सेवाएं दे चुका है। इसके कारण उसे भारत में प्रताड़ित किया जा सकता है। मुंबई हमले के साजिशकर्ता ने ये भी कहा कि उसकी सेहत ठीक नहीं है और वह कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहा है। ऐसे में उसे भारत में प्रताड़ित कर मारा जा सकता है। उल्लेखनीय है कि फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा।
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तहव्वुर राणा को साल 2008 के मुंबई हमले के दोषी आतंकी डेविड कोलमैन का करीबी माना जाता है। तहव्वुर राणा मुंबई हमले के प्रमुख साजिशकर्ताओं में शामिल है। तहव्वुर राणा पर लश्कर ए तैयबा और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआईय के साथ मिलकर काम करने का आरोप है।